9 साल से अनसुनी मांगें! UP में लेखपालों का सब्र टूटा, तहसीलों में जोरदार धरना 

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बरेली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लेखपाल संवर्ग की उपेक्षित मांगों को लेकर आज पूरा प्रदेश उबल पड़ा।तहसील समाधान दिवस के दौरान सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक सभी तहसीलों में लेखपालों ने शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावी धरना दिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन सौंपा। लेखपालों ने साफ कहा “9 वर्षों से हमारी मांगें लटकी हैं, अब समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा।”

 9 साल से लंबित मांगों पर PHIR नहीं, अब ACTION चाहिए

लेखपाल संघ का आरोप है कि वेतनमान, पदोन्नति, अंतर्मंडलीय स्थानांतरण और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर शासन स्तर पर 9 वर्षों से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कई दौर की बैठकें, पत्राचार, कमेटियां और कार्यवृत्त सब होने के बाद भी स्थिति जस की तस।

 शासन की चुप्पी…और लेखपालों का फूटा आक्रोश

ज्ञापन में मांग की गई कि 3000 से अधिक लेखपाल 500–1000 किमी दूर परिवार से अलग पोस्टेड हैं।तनाव और मानसिक दबाव की स्थिति में काम करना पड़ रहा है। 2018 का शासनादेश धरा का धरा रह गया। 23 अगस्त 2018 को जारी अंतर्मंडलीय स्थानांतरण सूची आज तक जारी नहीं।

 मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद DPC नहीं

चयन वर्ष 2025–26 की डीपीसी अभी तक नहीं हो सकी। अफसर मासिक बैठकें तक नहीं कर रहे,शासनादेश का खुला उल्लंघन। समस्याएं उठाने वाले पदाधिकारियों के मनमाने स्थानांतरण किए जा रहे हैं। संवर्गीय नेतृत्व को टारगेट किया जा रहा है। कम स्टाफ, ज्यादा गैर-विभागीय काम के कारण जमीनी कार्य का बोझ बढ़ रहा है, संसाधन लगभग शून्य।

 मथुरा की बैठक के बाद आंदोलन की नींव पक्की

5 अक्टूबर 2025 को रमण रेती आश्रम, मथुरा यहां हुई प्रांतीय बैठक में 75 जिलों के पदाधिकारियों ने आक्रोश व्यक्त किया था। इसके बाद 13 अक्टूबर, 27 अक्टूबर, 7 नवंबर और 11 नवंबर को बार-बार शासन को चेतावनी भेजी गई। लेकिन कोई एक्शन नहीं,कोई संवाद नहीं, कोई निर्णय नहीं लिया गया। आज 15 नवंबर को आंदोलन का पहला चरण शुरू।

 लेखपालों की मुख्य मांगें जिन पर तुरंत निर्णय जरूरी

प्रारंभिक वेतनमान उच्चीकरण

वर्तमान: 5200–20200, ग्रेड पे 2000–2800

मांग: लेवल-5 (29200–92300)

एक साल का अनिवार्य तकनीकी प्रशिक्षण

उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब में UP से अधिक वेतनमान, ACP विसंगति दूर की जाए, मृतक आश्रित लेखपालों को पुरानी पेंशन मिले, राजस्व निरीक्षक व नायब तहसीलदार के अतिरिक्त पद सृजित हों, स्टेशनरी भत्ता 100 से बढ़ाकर 1000 रुपये, यात्रा भत्ता खत्म कर वाहन/मोटरसाइकिल भत्ता दिया जाए, विशेष वेतन भत्ता 100 से बढ़ाकर 2500 रुपयेदिया जाए।

लेखपाल संघ का संदेश “हम अनुशासित कर्मचारी हैं। बातचीत से समाधान चाहते हैं। लेकिन 9 साल की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं। सरकार ने कदम नहीं उठाया तो आंदोलन को मजबूरी में तेज करना पड़ेगा।”

विकास यादव
Author: विकास यादव

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